Indian Railway: लंबी दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों से हटाए जाएंगे स्लीपर कोच, सिर्फ AC बोगी रहेंगी
Train Rules Change :
Railways phase out sleeper coaches in mail, express trains: भारतीय रेलवे ने एक नई जर्नी शुरू करने का फैसला किया है। कुछ धीमी गति से चलने वाली पैसेंजर और लोकल ट्रेनों को छोड़कर, सभी ट्रेनों में केवल वातानुकूलित (AC) डिब्बे होंगे। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 72 बर्थ वाले वर्तमान स्लीपर क्लास कोच को 83 बर्थ वाले अधिक कॉम्पैक्ट एसी कोच से बदला जाएगा।
Train Rules Change : इसमें एक बात को ध्यान में रखा जाएगा कि नए कोचों का किराया वर्तमान एसी किराए की तुलना में कम होगा. हालांकि ये किराया स्लीपर क्लास के टिकट से अधिक होगा। रेलवे के कपूरथला कारखाने में बनाया गया नया कोच, अभी अंडर ट्रायल है
इकोनॉमिक टाइम्स ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनोद कुमार यादव के हवाले से कहा है कि ‘स्लीपर से लेकर एसी’ तक की नीति में बदलाव रेलवे की योजना से जुड़ा है, जिसमें स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के तहत लंबी दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों से स्लीपर कोच को पूरी तरह खत्म कर दिए जाएगा। इस तरह की ट्रेनों की रफ्तार 2023 तक 130 किमी प्रति घंटा और 2025 तक 160 किमी प्रति घंटे करने की योजना है।
Train Rules Change : उन्होंने कहा कि यात्रा को सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने के लिए कदम है। उन्होंने कहा कि अगर ट्रेनों से स्लीपर कोच को खत्म नहीं किया जाएगा तो ट्रेनों को इस रफ्तार पर चलाना संभव नहीं हो पाएगा। आने वाले दिनों में Sleeper Coaches केवल पैसेंजर और धीमी गति की ट्रेनों में ही नजर आएंगे। अधिकारियों के मुताबिक, लंबी दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में 72 स्लीपर कोच के स्थान पर 83 एसी कोच लगाने के प्रस्ताव पर विचार हो रहा है।
यादव ने कहा, “हम धीरे-धीरे लगभग 1,900 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में सभी गैर-एसी कोचों को खत्म कर देंगे।” वैसे आपको बता दें कि इसका यह मतलब यह नहीं है कि अब नॉन एसी कोच होंगे ही नहीं. दरअसल ट्रेनें रहेंगी लेकिन नॉन एसी कोच वाली ट्रेन की रफ्तार एसी कोच वाली ट्रेनों के मुकाबले कम होगी.
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