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कॉलन कैंसर: पूरी जानकारी, लक्षण, कारण और बचाव के उपायकॉलन कैंसर: पूरी जानकारी, लक्षण, कारण और बचाव के उपायकॉलन कैंसर: पूरी जानकारी, लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

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कॉलन कैंसर क्या है?
कॉलन कैंसर बड़ी आंत (कोलन) में विकसित होने वाला कैंसर है। यह आमतौर पर आंत की अंदरूनी परत में छोटे, गैर-कैंसरयुक्त पॉलीप्स (गांठें) से शुरू होता है, जो समय के साथ कैंसर में परिवर्तित हो सकते हैं। यदि इस बीमारी का प्रारंभिक चरण में पता चल जाए, तो इसका इलाज आसान होता है।


कॉलन कैंसर के लक्षण:
कॉलन कैंसर के शुरुआती चरण में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते, लेकिन समय के साथ निम्नलिखित संकेत दिख सकते हैं:

  1. मल में रक्त आना: यह कॉलन कैंसर का सबसे सामान्य संकेत है।
  2. पेट में दर्द या ऐंठन: लगातार दर्द या ऐंठन कॉलन में किसी समस्या की ओर इशारा कर सकती है।
  3. मल त्याग की आदतों में बदलाव: लगातार दस्त या कब्ज, जो लंबे समय तक बने रहें।
  4. अचानक वजन कम होना: बिना किसी कारण वजन में कमी।
  5. थकान और कमजोरी: शरीर में खून की कमी से थकावट महसूस हो सकती है।
  6. अपच और गैस की समस्या: खाने के बाद असहजता या भारीपन।

कॉलन कैंसर के कारण और जोखिम कारक:

  1. आहार:
    • कम फाइबर और ज्यादा वसा वाला भोजन।
    • प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन।
  2. आनुवांशिक कारक:
    • यदि परिवार में किसी को कॉलन कैंसर हुआ है तो जोखिम बढ़ जाता है।
  3. उम्र:
    • 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में इसका खतरा अधिक होता है।
  4. धूम्रपान और शराब:
    • अधिक धूम्रपान और शराब का सेवन जोखिम को बढ़ाता है।
  5. शारीरिक गतिविधियों की कमी:
    • निष्क्रिय जीवनशैली और मोटापा भी कारण बन सकते हैं।
  6. अन्य बीमारियां:
    • क्रॉनिक इन्फ्लेमेटरी डिजीज जैसे अल्सरेटिव कोलाइटिस और क्रोहन रोग।

कॉलन कैंसर का निदान कैसे होता है?

  1. कोलोनोस्कोपी:
    • यह मुख्य परीक्षण है जिसमें डॉक्टर बड़ी आंत की जांच करते हैं।
  2. सिग्मॉइडोस्कोपी:
    • आंत के निचले हिस्से की जांच।
  3. CT स्कैन या MRI:
    • कैंसर के फैलाव का पता लगाने के लिए।
  4. बायोप्सी:
    • संदिग्ध टिशू का परीक्षण।

बचाव और रोकथाम:

  1. स्वस्थ आहार:
    • फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाएं।
  2. नियमित व्यायाम:
    • प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि।
  3. धूम्रपान और शराब से बचाव:
    • इनसे दूर रहकर कैंसर का खतरा कम किया जा सकता है।
  4. स्वास्थ्य जांच:
    • 50 वर्ष की आयु के बाद नियमित रूप से कोलोनोस्कोपी करवाएं।
  5. विटामिन डी:
    • विटामिन डी और कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा लें।

इलाज के विकल्प:
कॉलन कैंसर का उपचार उसकी स्टेज पर निर्भर करता है। मुख्य इलाज के विकल्प हैं:

  1. सर्जरी:
    • ट्यूमर और प्रभावित हिस्से को हटाना।
  2. कीमोथेरेपी:
    • कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए दवाएं।
  3. रेडिएशन थेरेपी:
    • कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए विकिरण का उपयोग।
  4. टारगेटेड थेरेपी:
    • विशेष दवाओं से कैंसर कोशिकाओं को निशाना बनाना।

निष्कर्ष:
कॉलन कैंसर एक गंभीर लेकिन रोकथाम योग्य बीमारी है। शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करें और नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं। सही जीवनशैली अपनाकर और जागरूकता बढ़ाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है।

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