ED ने 150 करोड़ रुपए के फ्रॉड में नागपुर-मुंबई में 15 स्थानों पर ज्वेलरी और नकदी जब्त (Ponzi Scheme fraud)
दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को कहा कि उन्होंने हाल ही में पंकज मेहदिया (Pankaj Mehadia) व अन्य द्वारा किए गए लगभग 150 करोड़ रुपए के पोंजी स्कीम धोखाधड़ी (Ponzi Scheme fraud of Rs 150 crore) से जुड़े एक मामले में नागपुर और मुंबई में 15 स्थानों पर तलाशी और सर्वेक्षण अभियान चलाया. ईडी ने बीते 3 मार्च को तलाशी ली. ईडी ने तलाशी और सर्वे के दौरान 5.51 करोड़ रुपए के सोने और हीरे के आभूषण, 1.21 करोड़ रुपए की नकदी, डिजिटल उपकरण और विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए हैं.
प्रवर्तन निदेशालय ने एक बयान में कहा, ईडी ने पंकज मेहदिया, लोकेश और कथिक जैन द्वारा निवेश धोखाधड़ी के संबंध में नागपुर मुंबई में 15 स्थानों पर तलाशी और सर्वेक्षण किया है. 5.51 करोड़ रुपये के बेहिसाब आभूषण और 1.21 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए हैं. आगे की जांच जारी है.
ईडी ने कहा कि इस घोटाले के मुख्य आरोपी पंकज मेहदिया, लोकेश जैन और कार्तिक जैन के आवासों और कार्यालयों की तलाशी ली गई. मुख्य लाभार्थियों के कार्यालय और आवासीय परिसरों पर भी छापेमारी की गई.
ईडी ने सीताबर्डी पुलिस स्टेशन, नागपुर में पांच लोगों पंकज मेहदिया, लोकेश जैन, कार्तिक जैन, बालमुकुंद लालचंद कील और प्रेमलता नंदलाल मेहदिया के खिलाफ दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की. उन्होंने कथित तौर पर एक धोखाधड़ी की और अपने निवेशकों को कई करोड़ रुपये का भारी नुकसान पहुंचाया.
ईडी ने कहा कि उनकी पीएमएलए जांच ने स्थापित किया है कि पंकज मेहदिया अन्य सहयोगियों के साथ एक पोंजी योजना चला रहे थे और वर्ष 2004 से 2017 तक किए गए निवेश पर टीडीएस काटने के बाद 12 प्रतिशत सुनिश्चित लाभ देने का वादा करके विभिन्न निवेशकों को लुभाया.
“2005 से 2016 की अवधि के दौरान निवेशकों के पैसे को धोखा देने और हड़पने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से आरोपी व्यक्तियों ने निवेशकों को जीतने के लिए आश्वस्त रिटर्न देने वाली पोंजी योजना चलाई और इस प्रकार निवेशकों को बड़ी मात्रा में निवेश करने का लालच दिया. संबंधित कंपनियों और अंततः पैसा वापस नहीं किया.
“पैसे को डायवर्ट करने और लेन-देन को वैधता देने के लिए, बैंक खातों में 150 करोड़ रुपये (Ponzi Scheme fraud) से अधिक के लेन-देन प्रभावित हुए हैं और यह संदेह है कि इनमें से अधिकांश लेनदेन वास्तविक व्यापारिक सौदों द्वारा समर्थित नहीं हैं और गलत हैं. अधिकारी ने कहा, मामले में आगे की जांच जारी है. (इनपुट: आईएएनएस-ANI)
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