छापे 89 लाख रुपए के नकली नोट, असली नोटों के बीच छिपाकर
पैसे कमाने के लिए इन लोगों ने नकली नोट के लिए बेहद शातिर कदम उठाया.
काकीनाडा (आंध्र प्रदेश): आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में पुलिस ने नकली नोट छापने वाले गिरोह के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से 89 लाख रुपये के जाली नोट बरामद किए गए हैं. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान दंगेटी श्रीनिवास राव (52) दंगेटी वेंकट ब्रह्माजी (26) डोमेटी दशरथ रामुडू, उंद्रू चाइना मावुल्ला (39) और पुलियत राम कुमार (29) के रूप में की गई है.
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार रामपछोड़वम के कारपेंटर राव को रंगीन पत्थरों और मूर्तियों के अवैध कारोबार में नुकसान हो गया था. फिर उसने अवैध तरीके से पैसा कमाने के लिए जाली नोट छापने और उन्हें असली नोटों के बंडलों में छुपाकर भोले-भाले लोगों को देने की योजना बनाई
उसने अपने दोस्तों रामुडु और मावुल्लू को यह विचार बताया और वे 1 करोड़ रुपये के जाली नोट छापने के काम के लिए आसानी से तैयार हो गए. फिर उन्होंने सांकतारेवू गांव में श्री लक्ष्मी नाम से फोटो स्टूडियो चलाने वाले राव के बेटे ब्रह्माजी से मदद ली. इस गिरोह ने फोटो स्टूडियो में कंप्यूटर, प्रिंटर और स्कैनर का उपयोग करके 2,000 और 500 रुपये के नोट छापे. गिरोह ने 30 लाख रुपये में पीतमपुर के एक पुजारी बोक्का नारायण से नागदेवता की एक पुरानी मूर्ति खरीदने का समझौता भी कर लिया.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “मूर्ति नारायण की ही थी, जिसे वह अपने घर से लाया था. यह किसी मंदिर की नहीं थी.’ आरोपी ने मूर्ति के लिए नारायण को 10 लाख रुपये के जाली नोट देकर अग्रिम भुगतान भी कर दिया था और उससे ‘पंचतत्वों’ से बनी मूर्ति भी ले ली थी. पुलिस ने नारायण से 10 लाख रुपये के जाली नोट और आरोपियों से कुल 89 लाख रुपये बरामद किए हैं, जिसमें 2,000 के 4,211 नकली नोट और 500 रुपये के 900 नकली नोट थे. आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया है.
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