कोरोना से ठीक होने वाले कुछ मरीजों को सुनने की क्षमता पर पड़ रहा प्रभाव
Coronavirus: भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. इसी बीच कोरोना से ठीक होकर घर वापस लौटने वाले कुछ मरीजों के साथ एक ऐसी समस्या सामने आई है जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे. डॉक्टरों के अनुसार, कोरोना से जंग जीतने वाले कुछ लोगों को हमेशा के लिए न सूंघने की बीमारी हो रही है. डॉक्टर्स का कहना है कि ऐसे लोगों को आजीवन इसी बीमारी से जूझना पड़ सकता है.
कोरोना की चपेट में आने के कारण सूंघने की क्षमता गंवाने वाले लोगों की संख्या 100 में से 2-3 लोगों को है. इन्हें आजीवन ऐसी ही स्थिति में रहने को मजबूर होना पड़ सकता है. कोरोना से ठीक होकर वापस घर आ चुके एक मरीज का कहना है कि वह अपने बेटे को किस करते समय उसकी स्मेल को सबसे ज्यादा मिस करते हैं.
अपनी बीवी के शरीर के स्मेल को भी महसूस नहीं कर पा रहे हैं. एनोस्मिया यानि गंध को महसूस न कर पाना एक तरह से अदृश्य विकलांगता है. ऐसी स्थिति के साथ जीना बहुत मुश्किल है लेकिन इसका कोई इलाज भी नहीं है. फ्रांसीसी समूह anosmie.org के अध्यक्ष कहते हैं कि एनोस्मिया स्मेल करने क्षमता को समाप्त कर देता है.
एक तरह की यातना है. आप यदि ऐसी स्थिति में हैं और अपनी कॉफी की गंध को महसूस नहीं कर पा रहे, शरीर पर साबुन की महक को स्मेल नहीं कर पा रहे. तो इसका मतलब है आपने अपनी सूंघने की क्षमता गंवा दी है. एनोस्मिया से पीड़ित लोग आग लगने से पैदा हुए धुएं, गैस लीक तथा डस्टबिन की गंध भी महसूस नहीं कर सकते.