भारत की भूमि पर आंख उठाकर देखने वालों को करारा जवाब मिला: PM मोदी
‘मन की बात’ के जरिए पीएम मोदी ने देशवासियों को किया संबोधित’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 जून को अपने रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ के जरिए देशवासियों को संबोधित किया. मासिक प्रोग्राम ‘मन की बात’ का यह 66वां एपिसोड था.
मन की बात में में कोरोना वायरस संकट, अम्पन तूफान, देश के कई हिस्सों में भूकंप के झटकों और टिड्डी दल के हमलों जैसे संकटों का जिक्र किया
पीएम मोदी ने कहा,
- 6-7 महीने पहले हम कहां जानते थे कि कोरोना जैसा संकट आएगा और इसके खिलाफ लड़ाई इतनी लंबी चलेगी.
- अभी, कुछ दिन पहले, देश के पूर्वी छोर पर साइक्लोन अम्पन आया, तो पश्चिमी छोर पर साइक्लोन निसर्ग आया . कितने ही राज्यों में हमारे किसान भाई-बहन टिड्डी दल के हमले से परेशान हैं, और कुछ नहीं तो देश के कई हिस्सों में छोटे-छोटे भूकंप रुकने का ही नाम नहीं ले रहे.
- इन सबके बीच, हमारे कुछ पड़ोसियों द्वारा जो हो रहा है, देश उन चुनौतियों से भी निपट रहा है. वाकई, एक-साथ इतनी आपदाएं, इस स्तर की आपदाएं, बहुत कम ही देखने-सुनने को मिलती हैं.
- भारत ने जिस तरह मुश्किल समय में दुनिया की मदद की, उसने आज शांति और विकास में भारत की भूमिका को और मजबूत किया है. दुनिया ने भारत की विश्व बंधुत्व की भावना को भी महसूस किया है. अपनी संप्रभुता और सीमाओं की रक्षा करने के लिए भारत की ताकत और भारत के कमिटमेंट को देखा है.
मन की बात’ में PM Modi ने कहा, ”सैकड़ों वर्षों तक अलग-अलग आक्रांताओं ने भारत पर हमला किया, लोगों को लगता था कि भारत की संरचना ही नष्ट हो जाएगी, लेकिन इन संकटों से भारत और भी भव्य होकर सामने आया.”
‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को लेकर पीएम मोदी ने कहा, ”कोई भी मिशन जन-भागीदारी के बिना पूरा नहीं हो सकता है. इसलिए आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक नागरिक के तौर पर हम सबका संकल्प, समर्पण और सहयोग बहुत जरूरी है. आप लोकल खरीदेंगे, लोकल के लिए वोकल होंगे, ये भी एक तरह से देश की सेवा ही है.”
पीएम मोदी ने कहा,
- भारत का संकल्प है- भारत के स्वाभिमान और संप्रभुता की रक्षा
- भारत का लक्ष्य है – आत्मनिर्भर भारत
- भारत की परंपरा है – भरोसा, मित्रता
- भारत का भाव है- बंधुता
- हम इन्हीं आदर्शों के साथ आगे बढ़ते रहेंगे
‘अनलॉक के वक्त दो बातों पर बहुत फोकस करना है’
‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने कहा,
- कोरोना के संकट काल में देश लॉकडाउन से बाहर निकल आया है. अब हम अनलॉक के दौर में हैं. अनलॉक के इस समय में, दो बातों पर बहुत फोकस करना है- कोरोना को हराना और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना, उसे ताकत देना.
- अनलॉक के दौर में बहुत सी ऐसी चीजें भी अनलॉक हो रही हैं, जिनमें भारत दशकों से बंधा हुआ था. वर्षों से हमारा माइनिंग सेक्टर लॉकडाउन में था. कमर्शियल ऑक्शन को मंजूरी देने के एक निर्णय ने स्थिति को पूरी तरह से बदल दिया है.
- अपने कृषि क्षेत्र को देखें, तो, इस सेक्टर में भी बहुत सारी चीजें दशकों से लॉकडाउन में फंसी थीं. इस सेक्टर को भी अब अनलॉक कर दिया गया है. इससे जहां एक तरफ किसानों को अपनी फसल कहीं पर भी, किसी को भी, बेचने की आजादी मिली है. वहीं, दूसरी तरफ, उन्हें अधिक ऋण मिलना भी सुनिश्चित हुआ है, ऐसे, अनेक क्षेत्र हैं जहां हमारा देश इन सब संकटों के बीच, ऐतिहासिक निर्णय लेकर, विकास के नए रास्ते खोल रहा है.
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