मनोज्ञान KK :
“चुनौतियाँ – जीवन उनसे भरा है। उनके बिना आप अपने अंदर की अद्भुत शक्ति को कैसे जान और पहचान सकेंगे?” बास्केटबॉल स्टार और प्रेरक लेखक कैथ डी. हर्रेल का ये प्रश्न सवाल नहीं बल्कि जवाब है! इस बात का जवाब कि हर इंसान की ज़िन्दगी चुनौतियों से भरी हुई ही रहती है। कभी भी ऐसा कोई वक़्त नहीं आता जब कोई चुनौती ही नहीं रहती।
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मनोज्ञान KK :
ये चुनौती किसी भी रूप में हो सकती है। किसी भी तरह का दुःख, दर्द, दबाव, तनाव अथवा अवसाद किसी न किसी रूप में रहता ही है। और अद्भुत बात ये है कि ऐसा होना ही एक इंसान को उसकी अद्भुत शक्ति तक पहुँचाता है। इसका मतलब ये कि अगर किसी भी तरह का कोई दुःख, दर्द, दबाव, तनाव अथवा अवसाद नहीं हो तो व्यक्ति अपने अंदर की अद्भुत शक्ति को जान-पहचान ही नहीं सकता! परन्तु अब सवाल ये है कि कोई कब और कैसे दुःख, दर्द, दबाव, तनाव अथवा अवसाद होने की स्थिति में अपने अपने अंदर की अद्भुत शक्ति जान-पहचान पाता है?
मनोज्ञान KK :
इसका जवाब है ‘मनोज्ञान’ मिल जाने पर अर्थात मन का ज्ञान हो जाने पर! क्योंकि जीवन की हर एक समस्या को समझने के लिए आवश्यक है मन का ज्ञान। और जब तक कोई भी समस्या को नहीं समझ लेता तब तक वह किसी समाधान पर नहीं पहुँच सकता। तथा बिना समाधान तक पहुंचे कोई किसी भी तरह की शक्ति का अनुभव कर ही नहीं सकता। अतः अपने अंदर की अद्भुत शक्ति को जानने-पहचानने के लिए आवश्यक है ‘मनोज्ञान’ अर्थात मन का ज्ञान और कोई भी मन के ज्ञान को तब ग्रहण करना शुरू करता है जब उसे पाना होता है किसी भी दुःख, दर्द, दबाव, तनाव अथवा अवसाद का ‘समाधान!’
मनोज्ञान KK
केके
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