कोरोना: लॉकडाउन में छूट है लेकिन वायरस यहीं है, कैसे बचेंगे ?
मानसा (धीरेन्द्र कामरा) : अब सब कुछ खुल गया है। और सारे दुकानदार आपके इंतज़ार है। लोग फिर से सब कुछ पहले जैसा होने की उम्मीद कर रहे हैं। आजकल मोबाइल फ़ोन पर दिन में एक-दो बार इस तरह के मेसेज आ ही जाते हैं कि आपका पसदीदा फूड खाने के लिए अब ऑनलाइन ऑर्डर करे
अब धीरे-धीरे सबकुछ पहले जैसा होने लगा है। बाज़ार खुलने लगे हैं, दुकानें खुलने लगी हैं, लोग ऑफ़िस जाने लगे हैं और सड़कों पर ट्रैफ़िक जाम लगने लगा है। ये सब हमें यक़ीन दिलाने की कोशिश करते हैं कि सबकुछ सामान्य हो गया है। लेकिन क्या सचमुच सबकुछ सामान्य हो गया है? लॉकडाउन-4 में सरकार की तरफ़ से पाबंदियों में कई तरह की छूट दी गई है। लेकिन लॉकडाउन में छूट का मतलब कोरोना वायरस से छूट नहीं है। सरकार द्वारा जारी नियमो का पालन करना भी जरूरी है। क्यों कि हमें तब तक कोरोणा वाइरस के साथ जीवन जीना पड़ेगा जब तक कि इसका उपचार और दवाई नहीं आ जाती।