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चंडीगढ़, 30 जून: डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट अथवा महामारी एक्ट के तहत फीस बढ़ाने या कम करने बारे कोई निर्देश नहीं दिया जा सकता। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सभी स्कूलों को ट्यूशन फीस के साथ एडमिशन फीस लेने की मंजूरी देते हुए हाईकोर्ट की जस्टिस निर्मलजीत कौर ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा केवल ट्यूशन फीस लिये जाने का निर्देश ‘ऐसा तथ्य नहीं है जिससे महामारी पर नियंत्रण पाया जा सके और तकनीकी रूप से यह डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट या महामारी एक्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। हाईकोर्ट ने कहा कि स्कूल 2020- 21 सत्र में फीस बढ़ाने सेे बचें।
2019-20 का फीस स्ट्रक्चर ही लागू रखें। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि स्कूल ऐसे चार्ज लेने से भी बचें जो वास्तव में खर्च ही न हुए हों। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि स्कूल की फीस देने में अक्षम अभिभावक अपनी वित्तीय स्थिति की जानकारी देकर स्कूलों को फीस माफी के आवेदन दे सकते हैं। फीस पर स्कूलों से रियायत न मिलने पर अभिभावक रेगुलेटरी बॉडी को भी शिकायत कर सकेंगे। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर फीस न बढ़ाने से वित्तीय संकट झेलना पड़े तो स्कूल जिला शिक्षा अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।