हरियाणा में चाय वाले को बैंक ने क्यों बना दिया 50 करोड़ का डिफॉल्टर?
Why did the bank make the tea seller in Haryana a defaulter of 50 crores ?
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के इस दौर में जहां लोग बैंक से कर्ज लेने के लिए कड़ी मेहनत के बाद भी असफल साबित हो रहे हैं, वहीं बैंक इस दौर में एक नया कारनामा कर रहे हैं. हरियाणा के कुरुक्षेत्र में रहने वाले एक चाय विक्रेता को बैंक ने 50 करोड़ रुपये का डिफॉल्टर घोषित कर दिया है. हरियाणा के कुरुक्षेत्र में रहने वाले राजकुमार का कहना है कि वह चाय बेचकर अपने परिवार का गुजारा करता है.
चाय दुकानदार राजकुमार ने कहा, “मैंने बैंक से कर्ज लेने के लिए आवेदन किया. कोविड संकट के कारण मेरी आर्थिक स्थिति खराब है. बैंक ने यह कहते हुए मेरे लोन आवेदन को नामंजूर कर दिया कि मेरे पास पहले से ही 50 करोड़ रुपये का कर्ज है, पता नहीं यह कैसे संभव हुआ?” राजकुमार का कहना है कि वह सड़क किनारे एक रेहड़ी पर चाय बेचकर अपने परिवार का गुजारा करता है.

बैंक ने उसे कर्ज का डिफॉल्टर बना दिया है, जबकि उसने कभी कर्ज लिया ही नहीं. कोरोना महामारी में लोगों का कामकाज बंद होने की वजह से उसका भी धंधा चौपट हो गया है. इससे मुक्ति पाने के लिए उसने बैंक से कर्ज लेने के लिए आवेदन किया था लेकिन बैंक ने देने से मना कर दिया. चाय बेचने वाले राजकुमार ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की तो उसमें यह बताया गया था कि अब रेहड़ी पटरी वाले भी बैंक से आसानी से कर्ज ले सकेंगे.
सरकार के इस प्रावधान के बाद राजकुमार ने बैंक से लोन लेने के लिए संपर्क किया. उसने यह सोचकर बैंक से लोन लेने की कोशिश की जिससे वह अपना कोई दूसरा धंधा शुरू कर सके और अपने परिवार का गुजारा कर सके. जब उसने बैंक में लोन के लिए बातचीत की और अपने आधार कार्ड समेत अन्य दस्तावेज दिखाए तो पता चला कि बैंक का पहले ही उस पर ₹50 करोड़ का कर्ज है. राजकुमार ने कहा, “मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि जब मुझे बैंक ने कोई लोन दिया ही नहीं तो फिर मेरे नाम से यह कर्ज किसे दिया गया है और कब दिया गया.”
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