कल अस्पताल रहेंगे बंद, डॉक्टर व स्टाफ रहेंगे हड़ताल पर, अस्पताल बंद रखने का लिया फैसला
पंजाब भर के निजी डॉक्टर अपनी जान की परवाह न करते हुए मानवता की सेवा में लगे हुए हैं।

डॉ जनक राज – डॉ निशान
हमारा टुडे : पूरी दुनिया में इस समय कोरोना महामारी का कहर है। पंजाब भर के निजी डॉक्टर अपनी जान की परवाह न करते हुए मानवता की सेवा में लगे हुए हैं। लेकिन अफसोस की बात है कि पंजाब सरकार का निजी डॉक्टरों के प्रति व्यवहार काफी गलत है। मानसा में इंडियन मेडीकल एसोसिएशन (आइएमए) के समूह डॉक्टरों द्वारा एकत्र होकर एक बैठक की
उन्होंने कहा कि निजी डॉक्टरों को कंट्रोल करने के लिए सरकार द्वारा हड़बड़ी में क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट एक जुलाई 2020 से लागू करने का एलान किया गया है। पंजाब आइएमए द्वारा इसका जबरदस्त विरोध किया जा रहा है। इस संबंधी में 14 जून को एमपी, एमएलए को ज्ञापन भी दिया गया है। यह एक्ट पहले से ही कई राज्यों में लागू है।
डॉक्टरों ने कहा कि सरकार की ओर से कलीनिकल इस्टैबलिशमेंट एक्ट बिल लाया जा रहा है। इसका वह पूर्ण तौर पर विरोध करते है।
देखने में आया है कि इसके नतीजे के तौर पर सेहत सेवाओं में कोई सुधार नहीं हुआ। जबकि इलाज महंगा हो गया है, छोटे अस्पताल बंद होने की कगार पर आ गए हैं और उनके मुलाजिम बेरोजगार हो गए हैं। इसके अलावा एमबीबीएस की फीस में अनावश्यक विस्तार करके मेडिकल शिक्षा को होनहार विद्यार्थियों की पहुंच से बाहर कर दिया गया है।
गली-मोहल्लों में पहले से चल रहे अस्पताल बंद करवाने की तैयारी है। निजी अस्पतालों को पानी साफ करने के प्लांट 30 जून तक लगाने के आदेश दिए गए हैं। इन सभी मामलों के हल के लिए सरकार तक कई बार पहुंच की गई। लेकिन सरकार के अडियल स्वभाव के कारण यह बेनतीजा रही। मजबूर होकर मानसा इंडियन मेडीकल एसोसिएशन (आइएमए) के समूह डॉक्टरों द्वारा 23 जून को एक दिन की मुकम्मल हड़ताल करने जा रहे हैं।
आईएमए मानसा के सभी डॉक्टरों की तरफ से अपने अस्पताल मुकम्मल तौर पर बंद रखने का फैसला किया गया है। कल इमरजेंसी सेवाएं भी बंद रखी जाएंगी। मरीजों को होने वाली परेशानी के लिए पंजाब सरकार जिम्मेदार होगी। आइएमए पंजाब सरकार से मांग करती है कि वह अपने फैसले पर दोबारा विचार करके डॉक्टरों को बनती राहत दे।