राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला, एक हफ्ते के लिए राज्य के बॉर्डर को किया सील
- राजस्थान ने एक हफ्ते के लिए अपने बॉर्डर बंद किए, केवल पास वालों को मिलेगी एंट्री
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राजस्थान सरकार ने अपनी सीमा को बंद करने का फैसला किया है। ऐसे में अगले एक हफ्ते तक राज्य की सीमा में वही लोग जा सकेंगे जिनके पास पास हो। राजस्थान में कोरोना संक्रमण के मामले अब 11 हजार के पार पहुंच गए हैं।
कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच राजस्थान ने अपने बॉर्डर को सील करने का फैसला किया है। दिल्ली सरकार की तर्ज पर राजस्थान ने भी अपने बॉर्डर को एक हफ्ते के लिए बंद करने का फैसला किया है। कोरोना संकट के बीच ये दूसरी बार है जब राजस्थान ने अपने बॉर्डर बंद किए हैं। राजस्थान सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार अब अगले एक हफ्ते के लिए केवल उन लोगों को आवाजाही का मौका मिलेगा, जिनके पास वैध पास होंगे।
अंतर्राज्यीय मार्गों के साथ साथ हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन व बस अड्डों पर भी तत्काल चेक पोस्ट स्थापित करने को गया है। इससे पहले छह मई को भी राज्य सरकार ने सीमाएं सील कर दी थीं। बता दें कि राजस्थान में कोरोनां संक्रमितों की संख्या अब 11368 हो गई हो गई है जबकि अब तक 256 लोगों की मौत हो चुकी है। इससे पहले दिल्ली ने भी हाल में एक हफ्ते के लिए अपने बॉर्ड को सील किया था। वहीं, पूर्व में हरियाणा सरकार भी दिल्ली से लगे बॉर्डर को सील करने का फैसला पूर्व में ले चुकी है। हालांकि, अब लॉकडाउन में ढील के बाद इसे खोल दिया गया है।
राजस्थान में 123 नए मामले
राजस्थान में बुधवार को कोरोना संक्रमण के 123 नए मामले सामने आए जबकि एक शख्स की मौत हो गई। केवल जयपुर में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की संख्या 118 हो गयी है जबकि जोधपुर में 26, कोटा में 18 व अजमेर में 11 रोगियों की मौत हो चुकी है। अन्य राज्यों के 14 रोगियों की भी यहां मौत हुई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार बुधवार को राज्य में संक्रमण के 123 नये मामले सामने आये। इनमें जयपुर में 40, भरतपुर में 34, पाली व सीकर में 11-11, झुंझुनू में नौ, नागौर में पांच व कोटा में तीन नये मामले शामिल हैं। राजधानी जयपुर में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या बढकर 2,400 पहुंच गई है। राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों में दो इतालवी नागरिकों के साथ-साथ 61 वे लोग भी हैं जिन्हें ईरान से लाकर जोधपुर व जैसलमेर में सेना के आरोग्य केंद्रों में ठहराया गया था।