गंगा दशहरा पर्व: कहीं रहे सूने घाट तो कहीं लगाई डुबकी
गंगा दशहरा पर बुधवार को जिले के घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ा रहा। सुबह से ही गंगा घाटों पर जयकारे गूंजने लगे। ऊंचाहार, डलमऊ, सरेनी क्षेत्र में लाखों लोगों ने स्नान करके पूजा अर्चना किया। इस दौरान प्रमुख घाटों के पास मेला लगा रहा, जिसमें श्रद्धालुओं ने खरीदारी भी की।
कासगंज: गंगा दशहरा पर्व पर श्रद्धालुओं से गुलजार रहने वाले घाटों पर पुलिस का पहरा है। कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन में इस वर्ष गंगा स्नान पर रोक लगा दी गई है। इसके कारण गंगा दशहरा पर्व पर कासगंज जिले में सोमवार सुबह से ही गंगा घाटों की ओर जाने वाली रास्ते बंदकर दिए गए। इससे गंगा स्नान के लिए राजस्थान, मध्य प्रदेश व अन्य जिलों से आए सैकड़ों श्रद्धालु घाटों पर नहीं पहुंच पाए।
इसके ठीक विपरीत आगरा, मथुरा और फिरोजाबाद में प्रतिबंध के बावजूद लोगों ने यमुना नदी में स्नान किया।
गंगा दशहरा पर्व को लेकर कासगंज के सोरों, लहरा, कछला, कादरगंज सहवाजपुर के गंगा घाटों पर एक दिन पहले से ही पुलिस और प्रशासन की सक्रियता बनी हुई थी। सोमवार सुबह से सख्ती और बढ़ा दी गई। गंगा घाटों पर पुलिस का कड़ा पहरा रहा। घाटों को ओर से जाने वाले रास्ते भी बंद कर दिए। इसके कारण श्रद्धालु गंगा स्नान को नहीं पहुंच पाए। पुलिस ने बैरियर पर ही श्रद्धालु रोककर वापस कर दिया। कई श्रद्धालु मायूस होकर लौट गए।
कासगंज-सोरों मार्ग के गोरहा बैरियर पर 100 से अधिक वाहन फंसे रहे। गंगा की ओर जाने वाले दुपहिया वाहन भी पुलिस ने रोक दिए। श्रद्धालुओं के न पहुंचने से गंगा घाटों पर सन्नाटा बना रहा। केवल पुलिस और पीएसी के जवान ही चहल-कदमी करते नजर आ रहे थे। यह पहला मौका है जब गंगा दशहरा पर स्नान नहीं हो सका। इस पर्व पर जिले के गंगा घाटों पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करते थे।
कासगंज के जिलाधिकारी सीपी सिंह ने कहा कि प्रशासन ने पहले ही गंगा स्नान पर पाबंदी की जानकारी श्रद्धालुओं को दे दी थी लेकिन लेकिन तमाम लोग गंगा स्नान के लिए जा रहे थे। उन्हें रोका गया है। अभी धार्मिक गतिविधियों और अनुष्ठान पर रोक है। लोग इसमें सहयोग करें।
गंगा दशहरा पर मथुरा में बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं ने यमुना नदी में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य कमाया। आगरा और फिरोजाबाद में भी यमुना घाटों पर श्रद्धालु उमड़े। आचार्य श्याम दत्त चतुर्वेदी के अनुसार आज के दिन यमुना-गंगा स्नान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि जो भी गंगा दशहरा के दिन यमुना या गंगा में स्नान करता है उसे सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।